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एक छोटी सी अच्छी आदत

2️⃣6️⃣❗1️⃣1️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣ *♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*          *!! एक छोटी सी अच्छी आदत !!*  ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ पुराने समय में दो दोस्त थे। बचपन में दोनों साथ पढ़ते और खेलते थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद दोनों दोस्त अपने अपने जीवन में व्यस्त हो गए। एक दोस्त ने खूब मेहनत की और बहुत पैसा कमा लिया। जबकि दूसरा दोस्त बहुत आलसी था। वह कुछ भी काम नहीं करता था। उसका जीवन ऐसे ही गरीबी में कट रहा था। एक दिन अमीर व्यक्ति अपने बचपन के दोस्त से मिलने गया। अमीर व्यक्ति ने देखा की उसके दोस्त की हालत बहुत खराब है, उसका घर भी बहुत गंदा था।  गरीब दोस्त ने बैठने के लिए जो कुर्सी दी, उस पर धूल थी। अमीर व्यक्ति ने कहा कि तुम अपना घर इतना गंदा क्यों रखते हो? गरीब ने जवाब दिया कि घर साफ करने से कोई लाभ नहीं है, कुछ दिनों में ये फिर से गंदा हो जाता है। अमीर ने उसे बहुत समझाया कि घर को साफ रखना चाहिए, लेकिन वह नहीं माना। जाते समय अमीर व्यक्ति ने गरीब दोस्त को एक बहुत ही सुंदर गुलदस्ता उपहार में दिया। गरीब ने वह गुलदस्ता अलमारी के ऊपर रख दिया। इसके बाद जब भी कोई व्यक्ति...

मृत्यु क्यों आवश्यक है?

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👌👌👌👌 * मृत्यु क्यों आवश्यक है?* 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ *हर कोई मृत्यु से डरता है, लेकिन जन्म और मृत्यु सृष्टि के नियम हैं... यह ब्रह्मांड के संतुलन के लिए आवश्यक है। इसके बिना, मनुष्य एक-दूसरे पर हावी हो जाते। कैसे? इस कहानी से जानिए...* 👇👇   *एक बार, एक राजा एक संत के पास गया,  जो राज्य के बाहर एक पेड़ के नीचे बैठे थे। राजा ने पूछा, "हे स्वामी! *क्या कोई औषधि है जो अमरता दे सके? कृपया मुझे बताएं।"* 🤴🧘‍♂️   *संत ने कहा, "हे राजा! आपके सामने जो दो पर्वत हैं, उन्हें पार कीजिए। वहाँ एक झील मिलेगी। उसका पानी पीने से आप अमर हो जाएंगे।"*   *राजा ने पर्वत पार कर झील पाई। जैसे ही वह पानी पीने को झुके, उन्होंने कराहने की आवाज सुनी। आवाज का पीछा करने पर उन्होंने एक बूढ़े और कमजोर व्यक्ति को दर्द में देखा।* 👨‍🦳   *राजा ने कारण पूछा, तो उस व्यक्ति ने कहा, "मैंने इस झील का पानी पी लिया और अमर हो गया। जब मेरी उम्र सौ साल की हुई, तो मेरे बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया। मैं पचास साल से यहाँ पड़ा हूँ, बिना किसी देखभाल के। मेरा बेटा मर चुका है, और मेरे पोते अब बूढ...

विवाह पञ्चमी 🙏

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मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही भगवान श्रीरामचन्द्र जी और जनकपुत्री माँ जानकी जी का विवाह हुआ है। इस दिन ॐ जानकीवल्लभाय नमः मन्त्र का जाप कर, इस पावन दिन सभी को राम-सीता जी की आराधना करते हुए अपने सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए प्रभुजी से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि का प्रारंभ 24 नवंबर को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, विवाह पंचमी 25 नवंबर को ही मनाई जाएगी। इस दिन संपूर्ण रामचरितमानस जी का पाठ करने से पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है, विवाह पञ्चमी के दिन बालकाण्ड में भगवान राम जी और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है। 🙏🙏🙏🙏

Real Incident

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On the night of May 20, 2025, a little girl in a faded pink frock fell asleep on her mother’s lap at Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus. Her parents, simple people from Solapur, had come to Mumbai for her father’s treatment. They were exhausted. Just for a moment, the mother closed her eyes. When she opened them, her daughter was gone. Six months.   Six months of walking from police station to police station.   Six months of showing the same crumpled photograph to strangers on trains, in slums, in orphanages.   Six months of the father not sleeping, the mother not eating, both of them growing hollow-eyed, whispering the same name into the dark: “Aarohi… Aarohi…” In Varanasi, a thousand kilometres away, a tiny girl with no memory of her real name was learning to call herself “Kashi.” She had been found crying near the railway tracks in June, barefoot and terrified. The orphanage gave her food, a bed, and a new name. She smiled easily, because c...

*सत्य का दर्पण*

*सत्य का दर्पण* एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती पृथ्वी पर भ्रमण कर रहे थे। रास्ते में एक मंदिर के बाहर उन्होंने एक युवक को देखा — वह बहुत दुखी बैठा था, आँखों से आँसू बह रहे थे। वह बार-बार भगवान से कह रहा था — ```“हे प्रभु, मैंने किसी का बुरा नहीं किया, फिर भी मेरे जीवन में दुख ही दुख हैं। मेरे खेत सूख गए, मेरा घर जल गया, लोग मुझे ताना देते हैं — आखिर क्यों?”``` माता पार्वती को बड़ी करुणा आई। उन्होंने शंकरजी से कहा — “प्रभु, यह तो सच्चा भक्त प्रतीत होता है। इस पर दया कीजिए।” *शंकरजी ने शांत स्वर में कहा —* “देवी, हर आत्मा अपने कर्मों के अनुसार ही फल पाती है। फिर भी, यदि तुम चाहो तो इसे सत्य का दर्पण दिखाया जा सकता है।” उन्होंने अपनी जटा से एक चमकता हुआ दिव्य दर्पण निकाला — जो आत्मा के कर्मों का लेखा दिखाता था। जैसे ही दर्पण युवक के सामने रखा गया, उसमें चित्र उभरने लगे। वह देख रहा था — अपने ही पिछले जन्मों के कर्म। कैसे उसने दूसरों का हक छीना, मजदूरों की मेहनत दबा ली, उन्हेंं गुलाम बनाकर मारा, पीटा ,  और कई बार दूसरों के दुख पर हँसा था। दृश्य देखकर वह काँप उठा। उसकी आँखों से आँसू ब...

एक कहानी और एक सीख

  एक शख्स ज़िबाह की हुई मुर्गी लेकर कसाई की दुकान पर आया और कहा - "भाई जरा इस मुर्गी को काट कर मुझे दे दो।" कसाई बोला : "मुर्गी रखकर चले जाओ और आधे घँटे बाद आकर ले जाना।" इत्तिफ़ाक़ से जरा देर बाद ही शहर का काज़ी, कसाई की दुकान पर आ गया और कसाई से कहा : "ये मुर्गी मुझे दे दो" कसाई बोला : "ये मुर्गी मेरी नही है, बल्कि किसी और की है और मेरे पास भी अभी कोई और मुर्गी नही जो आप को दे सकूं।" काज़ी ने कहा : "कोई बात नही, ये मुझे दे दो मालिक आए तो कहना कि मुर्गी उड़ गई है।" कसाई बोला : "ऐसा कहने का भला क्या फायदा होगा? मुर्गी तो उसने खुद ज़िबाह करके मुझे दी थी, फिर ज़िबाह की हुई मुर्गी कैसे उड़ सकती है?"  काज़ी ने कहा : "मैं जो कहता हूं उसे गौर से सुनो! बस ये मुर्गी मुझे दे दो और उसके मालिक से यही कहना कि तेरी मुर्गी उड़ गई है। वह ज़ियादा से ज़ियादा तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लेकर मेरे पास ही आएगा।" कसाई बोला : "अल्लाह सब का पर्दा रखे" और मुर्गी काज़ी को पकड़ा दी।  काज़ी मुर्गी लेकर निकल गया तो मुर्गी का मालिक भी आ गया और कसाई से पूछा ...

भगवान की चमत्कार🙏

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ओडिशा के जगन्नाथ पुरी से एक अविश्वसनीय और अकल्पनीय खबर सामने आई है। यह खबर ऐसी है जिस पर शायद आपको यकीन न हो। आप कहेंगे कि यह सब सिर्फ फिल्मों में होती है। लेकिन यह रील नहीं बल्कि रियल लाइफ में हुआ। जगन्नाथ पुरी मंदिर में एक भावुक और हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला। एक असहाय पिता रोते हुए भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचा।  उनकी गोद में उसका शिथिल पड़ा बेटा था, जो कोमा में था और डॉक्टर्स ने उसे यह कहकर घर भेज दिया था कि उसे मरा समझो। वह अब कभी ठीक नहीं होगा। लेकिन मंदिर में अचानक चमत्कार हुआ और वह बच्चा ठीक हो गया। जगन्नाथ पुरी मंदिर में यह घटना इस हफ्ते की शुरुआत में सोमवार को हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक 40 साल का शख्स गोद में एक बच्चे को लेकर आया। यह बच्चा देखने में मृत लग रहा था। उसे मंदिर में सुरक्षा गार्डों ने रोका लेकिन उसका रोना-बिलखना सुनकर वह पीछे हट गया। मंदिर के पुजारी वहां आते हैं। वह बच्चे पर भगवान का चरणामृत छिड़कते हैं और कुछ ही देर में अचानक बच्चा सिर हिलाने लगता है। यह सब देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरान हो गया। मंदिर के सेवकों के अनुसार, पिता अपने बेटे...