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JARA SOCHO...

* पढ़ने के बाद आगे भेजें बिना नहीं रह सकते* एक *धनी* प्रधानमंत्री बन सकता है ये *नेहरू* ने साबित किया। एक *गरीब* प्रधानमंत्री बन सकता है  ये *शास्त्री जी* ने साबित किया.। एक *बुजुर्ग* प्रधानमंत्री बन सकता है ये *मोरारजी* ने साबित किया। एक *युवा* प्रधानमंत्री बन सकता है  ये *राजीव गांधी* ने साबित किया। एक *औरत* प्रधानमंत्री बन सकती है ये *इंदिरा गांधी* ने साबित किया। एक *किसान*  प्रधानमंत्री बन सकता है *चौ. चरण सिंह* ने साबित किया। एक *राजघराने* का व्यक्ति प्रधानमंत्री हो सकता है ये *वी.पी. सिंह* ने साबित किया। एक *शिक्षित एवं बहुआयामी* व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सकता है ये *पी.वी.नरसिंहा राव* ने साबित किया। एक *कवि* प्रधानमन्त्री बन सकता है ये *अटल बिहारी बाजपेयी* ने साबित किया। *कोई भी* प्रधानमंत्री बन सकता है ये *एच.डी.देवगौडा* ने साबित किया। एक प्रधानमंत्री की *आवश्यकता* ही नहीं है ये *डा. मनमोहन सिंह* ने साबित किया। देश पर *बिना प्रधान मंत्री* बने भी शासन किया जा सकता है ये *सोनिया गांधी* ने साबित किया। परन्तु एक *चाय* बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है और *इन सबसे बेहतर कार्य कर सकता

आज का भगवद् चिन्तन

राधे - राधे - आज का भगवद् चिन्तन                               || अच्छाई को अपनायें ||   🌞     सम्मानित होने के लिए अच्छा होना आवश्यक है। जिस जीवन में अच्छाई होती है, वही जीवन सम्मानीय भी होता है। अच्छे कार्य करने से ही व्यक्ति महान बनता है। कुछ ऐसा करो कि समाज की उन्नति हो। समाज स्वस्थ, सदाचारी बनकर उन्नति के मार्ग पर चले जिससे सबका भला हो। महापुरुष यही तो कहते हैं, कि जब हर प्रकार से आप अपना कल्याण करना चाहते हैं तब केवल धन व भोग के पीछे मत भागना।      🌞सबके मंगल एवं कल्याण की भावना में ही हमारा स्वयं का मंगल एवं कल्याण भी निहित होता है। यह भी विचार करें कि मैंने दुनिया से बहुत लिया अब देने की बारी है। अब लेने के लिए नहीं देने के लिए जीना है। ये कभी मत भूलो कि हमारा ये जीवन अल्पकालिक है। इसलिए जीवन के प्रत्येक क्षण का सम्मान करो। जो समय का सम्मान करता है, समाज में उसका जीवन भी अवश्य ही सम्मानीय बन जाता है।

जय हिन्दुस्तान🙏

मुझे यह कविता बहुत पसन्द आई आपको कैसी लगी खुद बताए ************* *आंखे जिस पल को तरसी थीं,*     *वह दृश्य दिखाया योगी ने।* *उस सदन बीच खुलकर हिन्दू*      *उत्कर्ष दिखाया योगी ने।।* *निज धर्म, कर्म पर गौरव है,*      *ये सिखा दिया है योगी ने।* *जो मोदी नहीं दिखा पाये,*    *वो दिखा दिया है योगी ने।।* *बेशर्म जनेऊ धारी थे,*          *जो इफ़्तारो में जाते थे।* *हाथों से तिलक मिटा करके जो,*          *टोपी गोल लगाते थे।।* *वोटों की भूख जिन्हें  मस्ज़िद*      *दरगाहों तक ले जाती थी।* *खुद को हिन्दू कहने में जिनकी*        *रूह तलक शर्माती थी।।* *उन ढोंगी धर्म कपूतों की*      *छाती पर चढ़कर बोल दिया।* *क्यों ईद मनाऊं? हिन्दू हूं,*      *ऐलान अकड़कर बोल दिया।।* *जड़ दिया तमाचा, और लिखी*      *इक नयी कहानी योगी ने।* *लो डूब मरो, बंटवा डाला,*      *चुल्लू भर पानी योगी ने।।* *संकेत दिखा है साफ़ साफ़*    *अब इस महन्त की बातों में।* *अब होना दर्द ज़रूरी है,*  *आज़म खानों की आंतो में।।* *पूरे प्रदेश में शान्ति अमन,*        *गर होना बहुत जरुरी है।* *तो फिर गुण्डों में योगी का,*     *डर होना बहुत ज़रूरी है।।* *चौब

Simple Lifestyle

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* ऐसा मुख्यमंत्री न 1947 के बाद  हुआ है न होगा, सबको चुनौती है आज तक जितने मुख्यमंत्री हुए हैं और जितने वर्तमान समय में हैं उनको भी अपना संक्षिप्त परिचय देना चाहिएl बहुत से लोग सोचते हैं कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भगवा पोशाक पहनते हैं* *इसलिए  एक "सन्यासी" हैं,* लेकिन उनके बारे में जो तथ्य सामने आए हैं वो ये हैं -अवश्य पढ़ें ●अजय मोहन बिष्ट  (ओरिजिनल नाम)                        सन्यास के बाद योगी आदित्यनाथ आयु-50 वर्ष  जन्म स्थान- पंचूर गाँव,गढ़वाल, उत्तराखंड  ●एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से उत्तर प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक अंक (100%) ●योगी जी गणित के छात्र हैं, जिन्होंने बीएससी गणित स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया है।।   ●भारतीय सेना की सबसे पुरानी गोरखा रेजीमेंट के आध्यात्मिक गुरु हैं। * नेपाल में योगी समर्थक का विशाल समूह है जो योगी को गुरु के रूप में पूजते हैं। ●मार्शल आर्ट में अद्भुत उत्कृष्टता। चार लोगों को एकसाथ हराने का रिकार्ड। ●उत्तर प्रदेश के जाने-माने तैराक। कई विशाल नदियां पार की। ●एक लेखा विशेषज्ञ जो कंप्यूटर को भी हरा देता है। प्रसिध्द गणितज्ञ

दिवाली

रिटायरमेंट के बाद यह मेरी पहली दिवाली थी। मेरे दिमाग में उन सभी सालों की यादें ताजा हो गईं जो मैंने सेवा में बिताए थे, खास तौर पर वरिष्ठ पदों पर। दिवाली से एक हफ़्ते पहले, लोग तरह-तरह के उपहार लेकर आना शुरू कर देते थे। इतने सारे उपहार होते थे कि जिस कमरे में हम सारा सामान रखते थे, वह किसी गिफ्ट शॉप जैसा लगता था। कुछ चीज़ों को लोग घृणा से देखते थे और उन्हें हमारे अनजान रिश्तेदारों को देने के लिए अलग रख देते थे। सूखे मेवे इतने ज़्यादा होते थे कि अपने रिश्तेदारों और दोस्तों में बाँटने के बाद भी उनमें से बहुत सारे बच जाते थे। इस बार, हालात बिलकुल अलग थे। दोपहर के 2 बज चुके थे, लेकिन कोई भी हमें दिवाली की बधाई देने नहीं आया था। मैं अचानक भाग्य के इस उलटफेर से उदास और उदास महसूस कर रहा था। खुद को विचलित करने के लिए, मैंने एक अखबार में अध्यात्म से जुड़ा कॉलम पढ़ना शुरू किया। सौभाग्य से, मुझे एक दिलचस्प कहानी मिली। यह एक गधे के बारे में थी जो पूजा समारोह के लिए देवताओं की मूर्तियों को अपनी पीठ पर लादकर ले जा रहा था। जब वह रास्ते में गांवों से गुज़रता था, तो लोग मूर्तियों के सामने झुकते थे। हर

*"Jidhar Dekhoon Teri Tasveer....Sing Review

Let’s start the day and week with Satyanarayana & A. Suryanarayana’s 1983 thriller action film *”Mahaan”* directed by S. Ramanathan. The film starred Amitabh Bachchan, Waheeda Rehman, Amitabh Bachchan, Zeenat Aman, Amitabh Bachchan & Praveen Babi. They were supported by Ashok Kumar, Amjad Khan, Shakti Kapoor, Aruna Irani, Sujit Kumar, Mukri, Iftekhar and Kader Khan.  This movie is a remake of hit Kannada movie "Shankar Guru" starring Dr. Rajkumar. The makers of this film first had approached Jeetendra to play the triple role in this film, as Jeetendra was acting in many South films at that time, but he was very busy with other South films he told the makers to take Amitabh Bachchan for this film and Jeetendra called Amitabh Bachchan to request him to do Mahaan. Amitabh Bachchan plays triple role which remains his only triple role till date. Raakhee Gulzar had been offered the role opposite the senior Bachchan role. When she found out that Hema and Zeenat, both her con

राजा और मंत्री !!*

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*             *!! राजा और मंत्री !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक राजा जिसका बहुत बडा राज्य था। कोई कमी नहीं थी जो भी हुक्म करते वही हो जाता था। लेकिन राजा में एक आदत थी कि वह जो भी कोई थोड़ी सी गलती करता उसे तुरंत दस बडे खुंखार कुत्तों के सामने डालकर उसे कुत्तों से नुचवाता। राजा बडे गुस्से वाला था। राजा की इस आदत से सभी परेशान थे। राजा का मंत्री भी राजा की इस आदत की आलोचना करता था। एक दिन उसी मंत्री से कोई गलती हो गयी। राजा को गलती का पता चला तो राजा ने तुरंत हुक्म दिया कि जाओ मंत्री को कुत्तों के सामने ले जाओ। मंत्री ने राजा से गलती मानी, माफी मांगी लेकिन राजा ने कुछ नहीं सुना। और कहा कि जो कह दिया सो कह दिया। और सिपाहियों से कहा ले जाओ कुत्तों के बाडे में। मंत्री ने कहा ठीक है राजा जी लेकिन मेरी आखिरी इच्छा तो मान लो। राजा ने कहा ठीक है बताओ अपनी आखिरी इच्छा। मंत्री ने कहा मुझे दस दिन की महौलत दे दीजिए बस। राजा ने कहा ठीक है दस दिन की महौलत दे देते हैं। लेकिन ग्यारहवें दिन सजा जरूर मिलेगी। मंत्री दस दिन तक राजा के पास नहीं आया। और ग्यारहवें दिन राजा के स