जय श्री राम🙏
सभी मित्रो और विद्वत जनों से निवेदन है की इस जानकारी को जरूर पढ़ें इसमें राम वन गमन का सम्पूर्ण उल्लेख है । राम वन गमन या वनवास की यात्रा पथ गमन पर विस्तारित लेख का आनंद ले समय का सदुपयोग करें जरूर पढ़े व बच्चो को भी यह वृतांत सुनाए *1.तमसा नदी* : अयोध्या से 20 किमी दूर है तमसा नदी। यहां पर उन्होंने नाव से नदी पार की। *2.श्रृंगवेरपुर तीर्थ* : प्रयागराज से 20-22 किलोमीटर दूर वे श्रृंगवेरपुर पहुंचे, जो निषादराज गुह का राज्य था। यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार करने को कहा था। श्रृंगवेरपुर को वर्तमान में सिंगरौर कहा जाता है। *3.कुरई गांव* : सिंगरौर में गंगा पार कर श्रीराम कुरई में रुके थे। *4.प्रयाग*: कुरई से आगे चलकर श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सहित प्रयाग पहुंचे थे। प्रयाग को वर्तमान में इलाहाबाद कहा जाता है। *5.चित्रकूणट* : प्रभु श्रीराम ने प्रयाग संगम के समीप यमुना नदी को पार किया और फिर पहुंच गए चित्रकूट। चित्रकूट वह स्थान है, जहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचते हैं। तब जब दशरथ का देहांत हो जाता ...