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*"O Saathi Chal"...Song of the Day

Let’s start Sunday with one of my favourite, G P Sippy’s 1972 comedy drama film *”Seeta Aur Geeta”* directed by Ramesh Sippy.  The film starred Dharmendra, Hema Malini, Sanjeev Kumar and Hema Malini. They were supported by Manorama , Roopesh Kumar, Satyen Kappu, Pratima Devi, Honey Irani, Asrani and Kamal Kapoor.  Hema Malini won the Filmfare best actress award for the film. The film was remade in Tamil as Vani Rani (1974) and in Telugu as Ganga Manga (1973), both starring Vanisri. Hema Malini's co stars Sanjeev Kumar and Dharmendra were both her admirers those days. First film to release at Gaiety Galaxy theater in Mumbai. At the success party of the film producer GP Sippy told his son director Ramesh Sippy that they should make an action film with Dharmendra and Hema Malini and ultimately the first root of classic Sholay. was developed as they both were paired opposite each other in Sippy's next film Sholay. Dialogues between Hema and Sanjeev as she teaches Sanjeev how to ro...

निर्बल" के बल "राम"।🙏

भारतीय मन हर स्थिति में "राम" को साक्षी बनाने का आदी है। दुःख में -- "हे राम" पीड़ा में -- "अरे राम" लज्जा में -- "हाय राम" अशुभ में -- "अरे राम राम" अभिवादन में-- "राम राम" शपथ में-- "राम दुहाई" अज्ञानता में -- "राम जाने" अनिश्चितता में -- "राम भरोसे" अचूकता के लिए--  "रामबाण" सुशासन के लिए--  "रामराज्य" मृत्यु के लिए -- "राम नाम सत्य"  जैसी अभिव्यक्तियां  पग-पग पर "राम" को  साथ खड़ा करतीं हैं। "राम" भी इतने सरल हैं कि...  हर जगह खड़े हो जाते हैं।  जिसका कोई नहीं...  उसके लिए "राम" हैं-  "निर्बल" के बल "राम"। 🙏 _*जय जय श्री राम*_ 🙏

भाग्य में लिखा मिट नहीं सकता

* 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳* *💐💐भाग्य में लिखा मिट नहीं सकता💐💐* चंदन नगर का राजा चंदन सिंह बहुत ही पराक्रमी एवं शक्तिशाली था । उसका राज्य भी धन-धान्य से पूर्ण था । राजा की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी । एक बार चंदन नगर में एक ज्योतिषी पधारे । उनका नाम था भद्रशील । उनके बारे में विख्यात था कि वह बहुत ही पहुंचे हुए ज्यातिषी हैं और किसी के भी भविष्य के बारे में सही-सही बता सकते हैं । वह नगर के बाहर एक छोटी कुटिया में ठहरे थे । उनकी इच्छा हुई कि वह भी राजा के दर्शन करें । उन्होंने राजा से मिलने की इच्छा व्यक्त की और राजा से मिलने की अनुमति उन्हें सहर्ष मिल गई । राज दरबार में राजा ने उनका हार्दिक स्वागत किया । चलते समय राजा ने ज्योतिषी को कुछ हीरे-जवाहरात देकर विदा करना चाहा, परंतु ज्योतिषी ने यह कह कर मना कर दिया कि वह सिर्फ अपने भाग्य का खाते हैं । राजा की दी हुई दौलत से वह अमीर नहीं बन सकते । राजा ने पूछा - "इससे क्या तात्पर्य है आपका गुरुदेव ?" "कोई भी व्यक्ति अपनी किस्मत और मेहनत से गरीब या अमीर होता है । यदि राजा भी किसी को अमीर बनाना चाहे तो नहीं बना सकता । राजा की दौलत भी ...

शांति मंत्र जाप के क्या लाभ है?

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सनातन धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है। यह मंत्र बहुत शक्तिशाली और कल्याणकारी माने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इन मंत्रों का जाप करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं तथा उनके जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। घर की सुख-समृद्धि से लेकर जीवन में शांति तक के लिए सनातन धर्म में कई मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। अगर आप अपने जीवन में तथा परिवार में शांति का वास करना चाहते हैं तो आपको शांति मंत्र का उच्चारण अवश्य करना चाहिए। शांति मंत्र एक तरह का प्रार्थना है जो पूजा, यज्ञ या तप से पहले या बाद में उच्चारित किया जाता है। हिंदू ग्रंथ उपनिषद में कई शांति मंत्रों का उल्लेख किया गया है जिनके एकमात्र उच्चारण से लोगों को परम शांति की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि, इन मंत्रों का उच्चारण करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। यहां पढ़ें, शांति मंत्र और जानें इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें। शांति मंत्र ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षॅं शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:। वनस्पतय: शान्तिर्विश्र्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वॅंशान्ति:,...

खाओ मण भर, छोड़ो न कण भर*

* रामायण के अनुसार सीता खोज के समय हनुमानजी ने जब रावण की रसोई मेंं प्रवेश किया तब रावण की जूठी थाली देख कर हनुमानजी समझ गये कि रावण की मृत्यु निकट आ गई है, क्योंकि रावण ने थाली में दही जूठा छोड़ रखा था।* *भोजन में जूठा छोड़ने वाले की आयु कम होती जाती है। शायद इसी कारण से हमारे पूर्वज खाना खाकर थाली में पानी डाल कर फिर जूठन को घोल कर पी जाया करते थे।* *विद्वानों के अनुसार थाली में जूठा भोजन छोड़ना मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी का अपमान माना जाता है। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। साथ ही घर आती लक्ष्मी भी रूठ कर चली जाती है।* *भोजन जूठा छोड़ने वाले बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते चले जाते हैं। मन पढ़ाई से धीरे धीरे पूरी तरह हट जाता है। इसलिए बच्चे पहली बार में जितना खा सकते हैं उतना ही परोसें।* *थाली में जूठा भोजन छोड़ने से शनि का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। इसके साथ ही चंद्रमा की भी अशुभ दृष्टि व्यक्ति के जीवन पर पड़ने लग जाती है। चंद्रमा की भी अशुभ दृष्टि की वजह से मानसिक बीमारियां भी व्यक्ति को घेर लेती हैं।* *इसके अलावा यदि आप यात्रा के दौरान जूठा भोजन फेंकते हैं तो आपके काम कभी नहीं बन...

भाग्य में लिखा मिट नहीं सकता

* 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳* *💐💐भाग्य में लिखा मिट नहीं सकता💐💐* चंदन नगर का राजा चंदन सिंह बहुत ही पराक्रमी एवं शक्तिशाली था । उसका राज्य भी धन-धान्य से पूर्ण था । राजा की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी । एक बार चंदन नगर में एक ज्योतिषी पधारे । उनका नाम था भद्रशील । उनके बारे में विख्यात था कि वह बहुत ही पहुंचे हुए ज्यातिषी हैं और किसी के भी भविष्य के बारे में सही-सही बता सकते हैं । वह नगर के बाहर एक छोटी कुटिया में ठहरे थे । उनकी इच्छा हुई कि वह भी राजा के दर्शन करें । उन्होंने राजा से मिलने की इच्छा व्यक्त की और राजा से मिलने की अनुमति उन्हें सहर्ष मिल गई । राज दरबार में राजा ने उनका हार्दिक स्वागत किया । चलते समय राजा ने ज्योतिषी को कुछ हीरे-जवाहरात देकर विदा करना चाहा, परंतु ज्योतिषी ने यह कह कर मना कर दिया कि वह सिर्फ अपने भाग्य का खाते हैं । राजा की दी हुई दौलत से वह अमीर नहीं बन सकते । राजा ने पूछा - "इससे क्या तात्पर्य है आपका गुरुदेव ?" "कोई भी व्यक्ति अपनी किस्मत और मेहनत से गरीब या अमीर होता है । यदि राजा भी किसी को अमीर बनाना चाहे तो नहीं बना सकता । राजा की दौलत भी ...

वो शाम कुछ अजीब थी.. सफर फिल्म

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वो शाम कुछ अजीब थी ये शाम भी अजीब है वो कल भी पास पास थी वो आज भी करीब है झुकी हुई निगाह में कहीं मेरा ख़याल था दबी दबी हँसीं में इक हसीन सा गुलाल था मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो न जाने क्यूँ लगा मुझे के मुस्कुरा रही है वो वो शाम कुछ अजीब थी  मेरा ख़याल हैं अभी झुकी हुई निगाह में खुली हुई हँसी भी है दबी हुई सी चाह में मैं जानता हूँ मेरा नाम गुनगुना रही है वो यही ख़याल है मुझे के साथ आ रही है वो वो शाम कुछ अजीब थी ये शाम भी अजीब है वो कल भी पास पास थी वो आज भी करीब है *सफर*